White द्वारिका के धीश हो तुम सब युगों के ईश हो तु | हिंदी Poetry Video

"White द्वारिका के धीश हो तुम सब युगों के ईश हो तुम कंस का अभिशाप तुम ही देवकी आशीष हो तुम । पार्थ के प्रिय सारथी हो मीरा की तुम आरती हो गीता का संवाद हो तुम धर्म के युग भारती हो। राधा राधा कहने वाले प्रेम नर्तन करने वाले युग प्रणेता हो प्रभु तुम ज्ञान अर्पण करने वाले। शिक्षा संदीपनि से पाई मां यशोदा जैसी माई द्रौपदी सी परम सखि और प्रीति राधा जैसी पाई। हर हृदय में प्रेम पाया शिष्य अभिमन्यु सा पाया भक्त था रसखान सा और पुत्र प्रद्युम्न सा जाया। सब दुखों को हरने वाले नाग नर्तन करने वाले तुम हमारे ही रहोगे प्रेम अर्पण करने वाले। देवकी के छ: शिशु लौटा दिए थे एक क्षण में भीष्म प्रण रखने को मोहन ने उठाया शस्त्र रण में नरकासुर की स्त्रियों को मान भी जग में दिलाया जब प्रभु क्रोधित हुए ब्रह्माण्ड भी पग में हिलाया। प्रज्ञा शुक्ला को विरह में काव्य अर्पण करने वाले। युग प्रणेता हो प्रभु तुम ज्ञान अर्पण करने वाले। ©#काव्यार्पण "

White द्वारिका के धीश हो तुम सब युगों के ईश हो तुम कंस का अभिशाप तुम ही देवकी आशीष हो तुम । पार्थ के प्रिय सारथी हो मीरा की तुम आरती हो गीता का संवाद हो तुम धर्म के युग भारती हो। राधा राधा कहने वाले प्रेम नर्तन करने वाले युग प्रणेता हो प्रभु तुम ज्ञान अर्पण करने वाले। शिक्षा संदीपनि से पाई मां यशोदा जैसी माई द्रौपदी सी परम सखि और प्रीति राधा जैसी पाई। हर हृदय में प्रेम पाया शिष्य अभिमन्यु सा पाया भक्त था रसखान सा और पुत्र प्रद्युम्न सा जाया। सब दुखों को हरने वाले नाग नर्तन करने वाले तुम हमारे ही रहोगे प्रेम अर्पण करने वाले। देवकी के छ: शिशु लौटा दिए थे एक क्षण में भीष्म प्रण रखने को मोहन ने उठाया शस्त्र रण में नरकासुर की स्त्रियों को मान भी जग में दिलाया जब प्रभु क्रोधित हुए ब्रह्माण्ड भी पग में हिलाया। प्रज्ञा शुक्ला को विरह में काव्य अर्पण करने वाले। युग प्रणेता हो प्रभु तुम ज्ञान अर्पण करने वाले। ©#काव्यार्पण

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