White भवसागर में मन के मेहरमाँ, एहसासों की नदियों | हिंदी Poetry

"White भवसागर में मन के मेहरमाँ, एहसासों की नदियों के किनारे तुम..! हसीं ख़्यालों में रहने वाले, ख़्वाब सबसे प्यारे तुम..! जब जब मिली न निग़ाहें तुमसे, बेचैन दिल के सहारे तुम..! हम ख़ुद हो जायें रात अँधेरी, बनो जगमगाते सितारे तुम..! ढलती ज़िन्दगी में उदित सूर्ये सा, सर्वदा कुछ यूँ पधारे तुम..! रंगहीन कोई चलचित्र में, ख़ूबसूरती भरे नज़ारे तुम..! कोई चाह न राह तुम बिन सनम, अब से हो गए हमारे तुम..! ©SHIVA KANT(Shayar)"

 White भवसागर में मन के मेहरमाँ,
एहसासों की नदियों के किनारे तुम..!

हसीं ख़्यालों में रहने वाले,
ख़्वाब सबसे प्यारे तुम..!

जब जब मिली न निग़ाहें तुमसे,
बेचैन दिल के सहारे तुम..!

हम ख़ुद हो जायें रात अँधेरी,
बनो जगमगाते सितारे तुम..!

ढलती ज़िन्दगी में उदित सूर्ये सा,
सर्वदा कुछ यूँ पधारे तुम..!

रंगहीन कोई चलचित्र में,
ख़ूबसूरती भरे नज़ारे तुम..!

कोई चाह न राह तुम बिन सनम,
अब से हो गए हमारे तुम..!

©SHIVA KANT(Shayar)

White भवसागर में मन के मेहरमाँ, एहसासों की नदियों के किनारे तुम..! हसीं ख़्यालों में रहने वाले, ख़्वाब सबसे प्यारे तुम..! जब जब मिली न निग़ाहें तुमसे, बेचैन दिल के सहारे तुम..! हम ख़ुद हो जायें रात अँधेरी, बनो जगमगाते सितारे तुम..! ढलती ज़िन्दगी में उदित सूर्ये सा, सर्वदा कुछ यूँ पधारे तुम..! रंगहीन कोई चलचित्र में, ख़ूबसूरती भरे नज़ारे तुम..! कोई चाह न राह तुम बिन सनम, अब से हो गए हमारे तुम..! ©SHIVA KANT(Shayar)

#sabsepyaretum

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