धरती का धैर्य किसान का तप और वृक्षों का संपूर्ण जी | हिंदी Poetry

"धरती का धैर्य किसान का तप और वृक्षों का संपूर्ण जीवन माँ का प्यार पिता का त्याग  तब जाकर सजा थाली में भोजन  चाव,आदर व संतुष्टी से ग्रहण करो  व्यर्थ न करो इसका एक भी कण ©Parul Sharma"

 धरती का धैर्य किसान का तप
और वृक्षों का संपूर्ण जीवन
माँ का प्यार पिता का त्याग 
तब जाकर सजा थाली में भोजन 
चाव,आदर व संतुष्टी से ग्रहण करो 
व्यर्थ न करो इसका एक भी कण

©Parul Sharma

धरती का धैर्य किसान का तप और वृक्षों का संपूर्ण जीवन माँ का प्यार पिता का त्याग  तब जाकर सजा थाली में भोजन  चाव,आदर व संतुष्टी से ग्रहण करो  व्यर्थ न करो इसका एक भी कण ©Parul Sharma

#भोजन

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