उसको लिखा ही नहीं था हमारे हाथों के लकीरों में ।
भला कब तक बांधता उसे मोहब्बत के जंजीरों में ।
बात पेशा की नहीं पैसों की थी उसने ऐसा कहा
बहुत फ़र्क होता है जान, डॉक्टर और शायरों में ।
©Priyanshu Sunny
#sher
उसको लिखा ही नहीं था हमारे हाथों के लकीरों में ।
भला कब तक बांधता उसे मोहब्बत के जंजीरों में ।
बात पेशा की नहीं पैसों की थी उसने ऐसा कहा
बहुत फ़र्क होता है जान, डॉक्टर और शायरों में ।