White लड़खड़ाते कदमों से , दुनिया की रफ़्तार, के | हिंदी कविता

"White लड़खड़ाते कदमों से , दुनिया की रफ़्तार, के पीछे भाग रही थी । अकेली हूं यह सोचकर , ज़माने से डर रही थी । पर दुनिया की तेज़ी में , दुनिया बनाने वाले को भूल गई थी। हैरानी की बात है , वह मुझे नहीं भूला था । जहां-जहां मेरे लड़खड़ाते कदम पड़े उसने रास्ता बना दिया। मुश्किलें मेरी मोम की तरह पिघल गईं । दुनिया नहीं दुनिया बनाने वाला बड़ा है अब मैं यह समझ गई। ©Neema Pawal"

 White लड़खड़ाते कदमों से ,
दुनिया की रफ़्तार, 
 के पीछे भाग रही थी ।
अकेली हूं यह सोचकर ,
ज़माने से डर रही थी ।
पर दुनिया की तेज़ी में ,
दुनिया बनाने वाले को भूल गई थी। 
 हैरानी की बात है ,
वह मुझे नहीं भूला था ।
जहां-जहां मेरे लड़खड़ाते कदम पड़े
उसने रास्ता बना दिया।
मुश्किलें मेरी मोम की तरह पिघल गईं ।
दुनिया नहीं 
दुनिया बनाने वाला बड़ा है 
अब मैं यह समझ गई।

©Neema Pawal

White लड़खड़ाते कदमों से , दुनिया की रफ़्तार, के पीछे भाग रही थी । अकेली हूं यह सोचकर , ज़माने से डर रही थी । पर दुनिया की तेज़ी में , दुनिया बनाने वाले को भूल गई थी। हैरानी की बात है , वह मुझे नहीं भूला था । जहां-जहां मेरे लड़खड़ाते कदम पड़े उसने रास्ता बना दिया। मुश्किलें मेरी मोम की तरह पिघल गईं । दुनिया नहीं दुनिया बनाने वाला बड़ा है अब मैं यह समझ गई। ©Neema Pawal

प्रभु की कृपा।

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