पत्तियां दरख़्तों से छूटने लगती हैं, पतझड़ जब आता | हिंदी शायरी

"पत्तियां दरख़्तों से छूटने लगती हैं, पतझड़ जब आता है तो.. उनकी बर्बादी के रास्ते खुल जाते हैं।। ©Deepa Ruwali"

 पत्तियां दरख़्तों से छूटने लगती हैं,
पतझड़ जब आता है तो..
उनकी बर्बादी के रास्ते खुल जाते हैं।।

©Deepa Ruwali

पत्तियां दरख़्तों से छूटने लगती हैं, पतझड़ जब आता है तो.. उनकी बर्बादी के रास्ते खुल जाते हैं।। ©Deepa Ruwali

#autumn #Nature #Life #SAD #Poetry

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