दुपट्टे से ढकें जब सर तो सिम्पल खूब लगते हैं शरारत | हिंदी Shayari Vid
"दुपट्टे से ढकें जब सर तो सिम्पल खूब लगते हैं
शरारत से भरे नैना भी चंचल खूब लगते हैं
कली तुमसे ही मांगे अब इजाजत फूल बनने की
हँसो जब तुम तो गालों के वो डिम्पल खूब लगते हैं"
दुपट्टे से ढकें जब सर तो सिम्पल खूब लगते हैं
शरारत से भरे नैना भी चंचल खूब लगते हैं
कली तुमसे ही मांगे अब इजाजत फूल बनने की
हँसो जब तुम तो गालों के वो डिम्पल खूब लगते हैं