मुझे उस देश का भविश्य उज्जवल दिख रहा है, जिसके अतीत सा कोई ना था
जिसके देशवासियों के खून में आज भी उतना उबाल है, जितना पहले कभी था
युवाओं कुछ कर दिखाओ, लहरा दो परचम भारत का पूरे विश्व में
क्योंकि मुझे उस देश का भविश्य उज्जवल दिख रहा है, जिसने कभी भगत सिंह, स्वामी विवेकानंद जैसा सपूत जन्मा था
©Prateek Saxena
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