शिकवा नहीं औेर ना शिकायत किसी से है सूखे पत्ते को | हिंदी Shayari Vide

"शिकवा नहीं औेर ना शिकायत किसी से है सूखे पत्ते को किसने रखा है सम्हालकर, खुद की डाली गिरा देती है खुद से ही, छोड़ देती है हवा कहीं से कहीं उड़ाकर। अपनों ने छोड़ा है, तुझसे क्या शिकायत करूं, किस्मत ही ऐसी है मेरी, तुझसे क्या शिकवा करूं। ©Karan Kumar "

शिकवा नहीं औेर ना शिकायत किसी से है सूखे पत्ते को किसने रखा है सम्हालकर, खुद की डाली गिरा देती है खुद से ही, छोड़ देती है हवा कहीं से कहीं उड़ाकर। अपनों ने छोड़ा है, तुझसे क्या शिकायत करूं, किस्मत ही ऐसी है मेरी, तुझसे क्या शिकवा करूं। ©Karan Kumar

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