"ख़ुदा का ज़ुल्म तो हमपे ये हुआ है,
तुम्हारा ज़ख्म तक सीना पड़ रहा है।।
तुम्हारे साथ ही मरने का था सोंचा।
तुम्हारे बाद भी जीना पड़ रहा है।।
आदर्श श्रीवास्तव!"
ख़ुदा का ज़ुल्म तो हमपे ये हुआ है,
तुम्हारा ज़ख्म तक सीना पड़ रहा है।।
तुम्हारे साथ ही मरने का था सोंचा।
तुम्हारे बाद भी जीना पड़ रहा है।।
आदर्श श्रीवास्तव!