उजालों में रहने वाले थे हम।
अब अंधेरे से मोहब्बत हो गई।
खुशियों के दीवाने थे कभी हम।
अब गम की चाहत हो गई।
मैंने सोचा कहां था हम इतनी जल्दी बदल जायेंगे।
चांद सितारों की अकसर बात करते थे हम।
अब रात की तन्हाइयों की जरूरत हो गईं।
उजालों में रहने वाले थे हम।
अब अंधेरे से मोहब्बत हो गईं
©Khushi Amar goap
#Night