खुद से ही थक चुके हैं हम कब तक ये नाराजी होगी मन | हिंदी Shayari

"खुद से ही थक चुके हैं हम कब तक ये नाराजी होगी मनाने को तो हाजिर ही नहीं हैं वो कब तक मुझसे ये दिखावे की नवाबी होगी खुद से ही थक चुके हैं हम कब तक ये नाराजी होगी अभी तो बुझ - बुझ कर जलता है दीया न जाने कब तक बाती में जान होगी... ©The Frustrated Nagrik"

 खुद से ही थक चुके हैं हम

कब तक ये नाराजी होगी

मनाने को तो हाजिर ही नहीं हैं वो

कब तक मुझसे ये दिखावे की नवाबी होगी

खुद से ही थक चुके हैं हम

कब तक ये नाराजी होगी

अभी तो बुझ - बुझ  कर जलता है दीया

न जाने कब तक बाती में जान होगी...

©The Frustrated Nagrik

खुद से ही थक चुके हैं हम कब तक ये नाराजी होगी मनाने को तो हाजिर ही नहीं हैं वो कब तक मुझसे ये दिखावे की नवाबी होगी खुद से ही थक चुके हैं हम कब तक ये नाराजी होगी अभी तो बुझ - बुझ कर जलता है दीया न जाने कब तक बाती में जान होगी... ©The Frustrated Nagrik

#Thefrustratednagrik

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