White मैं तो पी जाऊंगा दश्त-ए--खामोशी अंदर
मेरे अंदर भी है एक प्यासा सूखा सा समंदर
वो जो लहरों के संग आई हैं सीपिया बह कर
देख साहिल गौर से कितना संग भरा समंदर
मेरी आंखो में भी बहती है एक प्यासी नदी
कौन जाने मैं हूँ किस नदी की प्यास का समंदर
तय है मिलना अब हमें इस बात का पूरा यकीन
रिश्ता कुछ ऐसा जुड़ा बन गया सहरा समंदर
वक्त सबको दिखलाता है अपना हसीं मिजाज़
किस्से कहानियों में अक्सर बहा है तन्हा समंदर
©सुरेश सारस्वत
#good_morning_quotes