मुझे अक्सर लगा है...
कि वो सब हो जाना चाहिए था, बहुत पहले !
जो हमने ख्वाबों में देखा था बहुत पहले !!
फिर हम नए ख्वाब बुनते,
हम अपने नए विचार सुनते !
हम ख्वाबों में ही सही, आगे तो बढ़ पाते !
हम दूसरों से ना सही पर खुद से तो आगे निकल पाते !!
मुझे अक्सर लगा है....
कि वो सब हो जाना चाहिए था बहुत पहले !
जिससे हम डरते रहे थे दिन-रात बहुत पहले !!
हम चाहते रहे थे काश ऐसा ना हो,
पर होना तो है ही, कभी इस डर के साथ जीते रहे !
अगर हो जाता वो सब,
तो हम अपने डर से आगे तो निकाल पाते !
थोड़ा ही सही हम अपने डर को कम कर पाते !
जिससे हम डर रहे थे,
वो सच में डरावना था भी, या नहीं हम जान पाते !!
और सब कुछ होना तय है यह भी मान पाते !!
मुझे अक्सर लगा है,
क्रांति होनी चाहिए थी बहुत पहले !
जो हम नहीं जान पाए अब तक,
वो सब जान लेना था बहुत पहले !!
आखिर हम भी खुद को समय से आगे बोल पाते !
हम भी अपने विचारों को
संकीर्णताओं व मिथ्याओं के बंधन से खोल पाते !!
बहुत कुछ हो जाना चाहिए था बहुत पहले.....
हमें भी ठहर जाना चाहिए था बहुत पहले .....
©Amit Maurya
#snowpark