White जाने क्यों कुछ कह नहीं पाता हूं
या फिर
कहते कहते रुक जाता हूं,सहम जाता हूं
खामोश ही रह जाता हूं
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क्योंकि कुछ भी कहने सुनने को आवाज़ के अलावा
दिल, तन ,मन,,चित, चाह,इच्छा,,
लोभ,मोह,स्नेह,लगाव,
समर्पण,अपनापन,भोलापन,
सादगी,नादानी,प्यार,
मनोदशा, मनोभाव, विचार, व्यवहार,
चरित्र, नियत,जरूरत
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आदि सब किसी का होना भी जरूरी होता है।।।
©Rakesh frnds4ever
#जाने_क्यों… कुछ कह नहीं पाता हूं
या फिर
कहते कहते रुक जाता हूं,
#सहम जाता हूं
#खामोश ही रह जाता हूं
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क्योंकि कुछ भी कहने सुनने को #आवाज़ के अलावा
दिल, तन ,मन,,चित, चाह,इच्छा,,