White मेरे दुश्मनो ने मेरे घर को. नेस्त नाबूद कर | हिंदी कविता

"White मेरे दुश्मनो ने मेरे घर को. नेस्त नाबूद करने मे कोई कसर. नही छोड़ी थी लेकिन मैं अहसान मंद हू उन नीव के पथरों का . जिनकी वजह से घर की दीवारो ने घर की छत को अभी भी संभाल रखा हैँ ©Parasram Arora"

 White मेरे दुश्मनो 
ने मेरे घर को.
नेस्त नाबूद 
करने मे  कोई कसर.
नही छोड़ी थी 

लेकिन मैं  
अहसान मंद 
हू   उन 
नीव के पथरों का .
जिनकी वजह से घर 
की दीवारो  ने घर
 की छत को 
अभी भी संभाल 
रखा हैँ

©Parasram Arora

White मेरे दुश्मनो ने मेरे घर को. नेस्त नाबूद करने मे कोई कसर. नही छोड़ी थी लेकिन मैं अहसान मंद हू उन नीव के पथरों का . जिनकी वजह से घर की दीवारो ने घर की छत को अभी भी संभाल रखा हैँ ©Parasram Arora

नीव के पथर

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