तुम विश्वास तो नहीं करोगी
लेकिन
हीरे सा ह्रदय हमारा
तुम्हारे प्रेम के लिए गुंजन कर
रहा है....!!
प्रेयसी.... तेरे मिलन
के लिए मन कल्पित हो कर
क्रन्दन कर रहा है....!!
और
उधर तुम्हारा मन
अपने मीत से मिलने का
निमंत्रण कर रहा है...!!
©कुन्दन " प्रीत " ( کندن )