भीगी जब ये पलकें मेरी तब मैंने ये जाना है की मेर | हिंदी Poetry

"भीगी जब ये पलकें मेरी तब मैंने ये जाना है की मेरे दिल ने तुझे कितना अपना माना है ख़ामोश रहती हूं खुद के मुआमले में ना जाने क्यों तेरे नाम से बेचैन हुआ मेरा सारा फसाना है ©Sakshi Sharma"

 भीगी जब ये पलकें मेरी 
तब मैंने ये जाना है 
की मेरे दिल ने तुझे कितना अपना माना है 
ख़ामोश रहती हूं खुद के मुआमले में 
ना जाने क्यों तेरे नाम से 
बेचैन हुआ मेरा सारा फसाना है

©Sakshi Sharma

भीगी जब ये पलकें मेरी तब मैंने ये जाना है की मेरे दिल ने तुझे कितना अपना माना है ख़ामोश रहती हूं खुद के मुआमले में ना जाने क्यों तेरे नाम से बेचैन हुआ मेरा सारा फसाना है ©Sakshi Sharma

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