रात अंधेरी थी कई सितारे लगे थे पहरे पर,
वह हमसे उस वक्त मिले, जब बड़ी सी मुस्कान थी उनके चेहरे पर।
मुस्कान देखकर उनके चेहरे का, रात की खामोशी भी पिघल गई थी।
जब दिखाया उसने अपनी शादी का कार्ड
आधी जान तो उसी वक्त निकल गई थी।
वह अपनी खुशी से जा रही थी, तो फिर रुकने को आगे कैसे बढ़ते हम।
जब नसीब में ही लिखी थी जुदाईयां अपनी।
तो भला किस्मत से कैसे लड़ते हैं।
©Varun Dev jageshwar
#SAD kismat se kaise ladte 😢😢