शायरी....
हमें तो अपनों ने ही ऐसे लूटा
आखिर कौन देखता है यहाँ किस का क्या है छूटा
दिल कहता है कि बहुत कुछ कर जाऊ तेरे वास्ते
लेकिन अलग ही है तेरे मेरे रास्ते
दिल मन को पुछता है क्या तुम खुश हो ना
तब दिल मे दबी हुई बात आती है ओठों पर
ये अजब लगता है हमे मुस्कराना.....
©Mayuri Bhosale
#शायरी