New Year 2025 रवि किरण धरा को, आलोकित जब कर जाएं, | हिंदी कविता

"New Year 2025 रवि किरण धरा को, आलोकित जब कर जाएं, सुबह, सवेरे नवयौवन सी, कलियां जब खिल जाएं, धीमे धीमे से खुशियां, हर घर महकाएं, धवल, धानी धरा सा, आलोकित, हर जीवन कर जायें। नव वर्ष पर आपको और आपके परिवार को बहुत बहुत शुभकामनाएं। संजय सक्सेना, प्रयागराज। ©Sanjai Saxena"

 New Year 2025 रवि किरण धरा को,
आलोकित जब कर जाएं,
सुबह, सवेरे नवयौवन सी,
कलियां जब खिल जाएं,
धीमे धीमे से खुशियां,
हर घर महकाएं,
धवल, धानी धरा सा,
आलोकित, हर जीवन कर जायें।

नव वर्ष पर आपको और आपके परिवार को बहुत बहुत शुभकामनाएं।

संजय सक्सेना,
प्रयागराज।

©Sanjai Saxena

New Year 2025 रवि किरण धरा को, आलोकित जब कर जाएं, सुबह, सवेरे नवयौवन सी, कलियां जब खिल जाएं, धीमे धीमे से खुशियां, हर घर महकाएं, धवल, धानी धरा सा, आलोकित, हर जीवन कर जायें। नव वर्ष पर आपको और आपके परिवार को बहुत बहुत शुभकामनाएं। संजय सक्सेना, प्रयागराज। ©Sanjai Saxena

#Newyear2025

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