White मैं खुद ही खुद से मिल रहा था लगता सब कुछ होग | हिंदी Poetry

"White मैं खुद ही खुद से मिल रहा था लगता सब कुछ होगा सही बस वक्त ही फिसल रहा था मैं देखूं जिसको वो ही आगे निकल रहा था कोई हंस रहा था लगता मुझपर व्यंग कर रहा था मैं डर रहा था कोई आता मुझसे मिलने मैं खामोशियों से बिखर रहा था हैरान थे मेरे रवैए से कुछ पर शायद अब मै अकेलेपन में कूच कर रहा था। ©alter"

 White मैं खुद ही खुद से मिल रहा था
लगता सब कुछ होगा सही
बस वक्त ही फिसल रहा था
मैं देखूं जिसको 
वो ही आगे निकल रहा था 
कोई हंस रहा था
लगता मुझपर व्यंग कर रहा था 
मैं डर रहा था 
कोई आता मुझसे मिलने 
मैं खामोशियों से बिखर रहा था 
हैरान थे मेरे रवैए से कुछ
पर शायद अब मै
अकेलेपन में कूच कर रहा था।

©alter

White मैं खुद ही खुद से मिल रहा था लगता सब कुछ होगा सही बस वक्त ही फिसल रहा था मैं देखूं जिसको वो ही आगे निकल रहा था कोई हंस रहा था लगता मुझपर व्यंग कर रहा था मैं डर रहा था कोई आता मुझसे मिलने मैं खामोशियों से बिखर रहा था हैरान थे मेरे रवैए से कुछ पर शायद अब मै अकेलेपन में कूच कर रहा था। ©alter

#life

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