मोहब्बत का फितूर फिर से चढ़ा है ,
तुझे देखकर इस दिल ने इस गलती को दोहराने को कहा है ,
मोहब्बत करने को कहा है ,
मोहब्बत का फितूर फिर से चढ़ा है ,
इश्क के समुंदर में फिर से गोते लगाने का मन करा है ,
तेरे शहर ने तुझे दिखाकर अच्छा वेलकम कहा है ,
मोहब्बत का फितूर फिर से चढ़ा है।।
©ऋषभ वर्मा (R.V.)
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