पता नही, कहानी कब पूरी होगी,
या ये अधूरी होगी।
क्या खोज पाऊंगा, हाथो के लकीरों में कभी तेरा नाम।
क्या चल पाऊंगा, कभी दो कदम तेरे साथ।
क्या कभी हटा पाऊंगा, तेरे चेहरे पे गिरते बाल।
क्या कभी तेरे गोद में सर रख,
सुना पाऊंगा अपने बचपन की बात।
पता नही ये कहानी ,क्या मोड़ लेगी
मेरे सांसों को तेरे सांसों का साथ देगी,
या सांसे साथ छोड़ देगी।
पता नही....
पर मैं बस इतना जानता हूं।
तुम्हे खुद से ज्यादा मानता हूं।
कहानी, पूरी हो या अधूरी हो।
ये कहानी तुम्हारे नाम से होगी,
इतना जानता हूं।
©Ashutosh2608
#kitaabein #नोजोटो @Neha Jain Butterfly Ruchika @chahat @Zara Sogra