किनारा कर लिया तुमने,
तो जाओ छोड़ देते हैं
न हमको याद अब करना,
तेरा दर छोड़ देते हैं।
तुम्हारी सांस में घुलकर
मिली थी जिंदगी हमको
तुम्हारे साथ लो अब ये
जहां भी छोड़ देते हैं
तुम्हारे साथ में बीते
हुए पल अब सताते हैं
सफ़र मुमकिन नहीं आगे
ये राहें छोड़ देते हैं
निगाहें दूर तक तुमको
बुलाने अब न आयेगीं
कदम दो चार क्या चलना
यहीं से छोड़ देते हैं
हमारा रात भर जगना
तुम्हारा दिन ढले मिलना
सुहाने वो हंसी किस्से
अधूरे छोड़ देते हैं
©Prashant Thakur