लोगो ने उसे ही अहमियत दी, स्पष्ट रूप से स्वीकार कि | हिंदी कविता

"लोगो ने उसे ही अहमियत दी, स्पष्ट रूप से स्वीकार किया जिनके सिर पर ताज था भले ही उनके बातों में रत्ती भर ना मिठास था। लोगो ने हमेशा से उन गरीब, वंचितों को धुतकारा फटकारा जिनके कपड़े गंदे थे जिनके पांव नंगे थे जिनके सर मिट्टी का ताज था जिनके बातों में मिट्टी सरीखा मिठास था। ~ सोनु किशोर १०/०८/२१ ©sonu kishor"

 लोगो ने उसे ही अहमियत दी,
स्पष्ट रूप से स्वीकार किया
जिनके सिर पर ताज था 
भले ही उनके बातों में 
रत्ती भर ना मिठास था।

लोगो ने हमेशा से उन गरीब,
वंचितों को धुतकारा फटकारा 
जिनके कपड़े गंदे थे
जिनके पांव नंगे थे
जिनके सर मिट्टी का ताज था
जिनके बातों में मिट्टी सरीखा मिठास था।

~ सोनु किशोर
१०/०८/२१

©sonu kishor

लोगो ने उसे ही अहमियत दी, स्पष्ट रूप से स्वीकार किया जिनके सिर पर ताज था भले ही उनके बातों में रत्ती भर ना मिठास था। लोगो ने हमेशा से उन गरीब, वंचितों को धुतकारा फटकारा जिनके कपड़े गंदे थे जिनके पांव नंगे थे जिनके सर मिट्टी का ताज था जिनके बातों में मिट्टी सरीखा मिठास था। ~ सोनु किशोर १०/०८/२१ ©sonu kishor

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