White शिकवे के ढंग ऐसे हैं"
मेरे हुजूर , गुले गुलज़ार मेरी जान
ए तमन्ना , आपका ही बोल वाला है
रूबरू देख के इस तरह ,नज़र
अंदाज़ करने का ढंग बड़ा निराला है।
इरादा ठीक नहीं लगता,ज़रूर
कहीं न कहीं कुछ तो दाल में काला है।
अगर हुजूर के शिकवे ऐसे हैं,
तो शिकायत का अंदाज़ जान लेबा होगा।
©Anuj Ray
# शिकवे के ढंग ऐसे हैं"