White एक पल को जो उनसे आंखें चार हो गईं, उजड़ी हुई | हिंदी शायरी

"White एक पल को जो उनसे आंखें चार हो गईं, उजड़ी हुई ए जिंदगी गुलजार हो गई। पतझड़ के तरह बिखरे थे जो पेड़ बेजान होकर, उनके एक दीदार से बसंती बहार हो गई ।। ©Abhishek"

 White एक पल को जो उनसे आंखें चार हो गईं,
उजड़ी हुई ए जिंदगी गुलजार हो गई।
पतझड़ के तरह बिखरे थे जो पेड़ बेजान होकर,
उनके एक दीदार से बसंती बहार हो गई ।।

©Abhishek

White एक पल को जो उनसे आंखें चार हो गईं, उजड़ी हुई ए जिंदगी गुलजार हो गई। पतझड़ के तरह बिखरे थे जो पेड़ बेजान होकर, उनके एक दीदार से बसंती बहार हो गई ।। ©Abhishek

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