दिग्पाल (या मृदुगति) छंद मापनी- 221 2122 221 2122 | हिंदी Poetry

"दिग्पाल (या मृदुगति) छंद मापनी- 221 2122 221 2122 लगावली- गागाल गालगागा गागाल गालगागा छंदाधारित फिल्मी गाने- 1) छोडो न/ मेरा’ आँचल/, सब लोग/ क्या कहेंगे 2) सारे ज/हाँ से’ अच्छा/ हिन्दोस/तां हमारा मानो अभी यहाँ जो बातें तुम्हें बताऊं। संस्कार इस जगत में पूजित हुआ सुनाऊं।। पशुवत हुआ मनुज जो संस्कारहीन होता। सोचें भला जगत जो वह प्रेमनीर सोता।। ©Bharat Bhushan pathak"

 दिग्पाल (या मृदुगति) छंद 
मापनी- 221 2122 221 2122 
लगावली- गागाल गालगागा गागाल गालगागा 
छंदाधारित फिल्मी गाने- 
1) छोडो न/ मेरा’ आँचल/, सब लोग/ क्या कहेंगे 
2) सारे ज/हाँ से’ अच्छा/ हिन्दोस/तां हमारा 


मानो अभी यहाँ जो बातें तुम्हें बताऊं।
संस्कार इस जगत में पूजित हुआ सुनाऊं।।
पशुवत हुआ मनुज जो संस्कारहीन होता।
सोचें भला जगत जो वह प्रेमनीर सोता।।

©Bharat Bhushan pathak

दिग्पाल (या मृदुगति) छंद मापनी- 221 2122 221 2122 लगावली- गागाल गालगागा गागाल गालगागा छंदाधारित फिल्मी गाने- 1) छोडो न/ मेरा’ आँचल/, सब लोग/ क्या कहेंगे 2) सारे ज/हाँ से’ अच्छा/ हिन्दोस/तां हमारा मानो अभी यहाँ जो बातें तुम्हें बताऊं। संस्कार इस जगत में पूजित हुआ सुनाऊं।। पशुवत हुआ मनुज जो संस्कारहीन होता। सोचें भला जगत जो वह प्रेमनीर सोता।। ©Bharat Bhushan pathak

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इस छंद में विशेष
:-5वीं,8वीं 17वीं व 20वीं मात्रा लघु।

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