तुझे चाहा तो ज़रूर
पर कभी हक ना जताया,
कई लगे इल्ज़ाम हम पर
पर जुबां पे कभी तेरा नाम ना आया,
लुट गए तेरी खुशी खातिर
पर तुझे कभी हाल ना बताया,
अक्सर ले आता तेरी पसंद का गुलाब
कभी ज़ख्मी अपना हाथ ना दिखाया,
आया था एक बार शहर तेरे
पूछा किसी ने तो खुदको अनजान ही बताया,
लिख चले हैं दुआ तेरी खैरियत की
ख़ुद को तो हमने बदनाम ही पाया,
वक्त मिले तो मेरी कब्र पे ज़रूर आना
जीते जी तो कभी तू मिलने ना आया..
©Balwinder Pal
#Anhoni