ज़िंदगी ज़ुल्मत में डूबी लगती हैं जब नसीहतों में ज
"ज़िंदगी ज़ुल्मत में डूबी लगती हैं
जब नसीहतों में ज़हन दबी होती हैं
हम चल रहें होते अपनी ख़लिश में..
जब तलक इरादों में मक़्सूद की
छबि न जगती हैं ।
~ अलिशायरा🦋"
ज़िंदगी ज़ुल्मत में डूबी लगती हैं
जब नसीहतों में ज़हन दबी होती हैं
हम चल रहें होते अपनी ख़लिश में..
जब तलक इरादों में मक़्सूद की
छबि न जगती हैं ।
~ अलिशायरा🦋