अमर शहीद उधम सिंह आजादी का आंदोलन दबाने, अंग्रे

"अमर शहीद उधम सिंह आजादी का आंदोलन दबाने, अंग्रेजों ने रोलेट एक्ट बनाया था बंद हुए धरना प्रदर्शन, प्रेस को सेंसर कर दबाया था 13 अप्रैल बैसाखी सन 1919 में, रोलेट एक्ट के विरोध में एक सभा थी जलियांवाला बाग अमृतसर में, हजारों भीड़ जमा थी जनरल डायर ने आंदोलन कुचलने गोली का आदेश दिया चारों तरफ से घेरकर उसने, अंधाधुंध है फायर किया मारे स्त्री जवान और बच्चे, और हजारों घायल हुए घायल थे उधम सिंह नवयुवक, गोली उन्हें लगी थी रक्त रंजित धरती की माटी, उठा कसम खा रखी थी जब तक कांड का ना लूंगा बदला, नहीं चैन से बैठूंगा धरती आकाश पाताल छुपा ले, ढूंढ उसे मारूंगा उधम सिंह ने बदला लेने, देश विदेश की खाक छानी अपने उद्देश्य पर डटे रहे, आई बहुत परेशानी आखिर लंदन एक समारोह में, मिल गया उन्हें डवायर भारी सुरक्षा के भीतर मारा, सीने पर किए थे फायर इसी हत्याकांड में उन पर, एक महा अभियोग चला ब्रिटिश शासन ने फांसी दी, हंसते हंसते शहीद चला 31 जुलाई 1940 को, लंदन में उनको फांसी दी उधम सिंह अमर रहेगा, मातृभूमि पर आहूती दी नमन आज वीर बलिदानी तेरे, चरणों में हम करते हैं जलियांवाले वीर शहीदों को,नमन आज करते हैं सुरेश कुमार चतुर्वेदी ©Suresh Kumar Chaturvedi"

 अमर शहीद उधम सिंह 


आजादी का आंदोलन दबाने, अंग्रेजों ने रोलेट एक्ट बनाया था 
बंद हुए धरना प्रदर्शन, प्रेस को सेंसर कर दबाया था 13 अप्रैल बैसाखी सन 1919 में, रोलेट एक्ट के विरोध में एक सभा थी 
जलियांवाला बाग अमृतसर में, हजारों भीड़ जमा थी जनरल डायर ने आंदोलन कुचलने गोली का आदेश दिया 
चारों तरफ से घेरकर उसने, अंधाधुंध है फायर किया मारे स्त्री जवान और बच्चे, और हजारों घायल हुए घायल थे उधम सिंह नवयुवक, गोली उन्हें लगी थी 
रक्त रंजित धरती की माटी, उठा कसम खा रखी थी जब तक कांड का ना लूंगा बदला, नहीं चैन से बैठूंगा धरती आकाश पाताल  छुपा ले, ढूंढ उसे मारूंगा 
उधम सिंह ने बदला लेने, देश विदेश की खाक छानी अपने उद्देश्य पर डटे रहे, आई बहुत परेशानी 
आखिर लंदन एक समारोह में, मिल गया उन्हें डवायर भारी सुरक्षा के भीतर मारा, सीने पर किए थे फायर इसी हत्याकांड में उन पर, एक महा अभियोग चला ब्रिटिश शासन ने फांसी दी, हंसते हंसते शहीद चला 31 जुलाई 1940 को, लंदन में उनको फांसी दी 
उधम सिंह अमर रहेगा, मातृभूमि पर आहूती दी 
नमन आज वीर बलिदानी तेरे, चरणों में हम करते हैं जलियांवाले वीर शहीदों को,नमन आज करते हैं  


सुरेश कुमार चतुर्वेदी

©Suresh Kumar Chaturvedi

अमर शहीद उधम सिंह आजादी का आंदोलन दबाने, अंग्रेजों ने रोलेट एक्ट बनाया था बंद हुए धरना प्रदर्शन, प्रेस को सेंसर कर दबाया था 13 अप्रैल बैसाखी सन 1919 में, रोलेट एक्ट के विरोध में एक सभा थी जलियांवाला बाग अमृतसर में, हजारों भीड़ जमा थी जनरल डायर ने आंदोलन कुचलने गोली का आदेश दिया चारों तरफ से घेरकर उसने, अंधाधुंध है फायर किया मारे स्त्री जवान और बच्चे, और हजारों घायल हुए घायल थे उधम सिंह नवयुवक, गोली उन्हें लगी थी रक्त रंजित धरती की माटी, उठा कसम खा रखी थी जब तक कांड का ना लूंगा बदला, नहीं चैन से बैठूंगा धरती आकाश पाताल छुपा ले, ढूंढ उसे मारूंगा उधम सिंह ने बदला लेने, देश विदेश की खाक छानी अपने उद्देश्य पर डटे रहे, आई बहुत परेशानी आखिर लंदन एक समारोह में, मिल गया उन्हें डवायर भारी सुरक्षा के भीतर मारा, सीने पर किए थे फायर इसी हत्याकांड में उन पर, एक महा अभियोग चला ब्रिटिश शासन ने फांसी दी, हंसते हंसते शहीद चला 31 जुलाई 1940 को, लंदन में उनको फांसी दी उधम सिंह अमर रहेगा, मातृभूमि पर आहूती दी नमन आज वीर बलिदानी तेरे, चरणों में हम करते हैं जलियांवाले वीर शहीदों को,नमन आज करते हैं सुरेश कुमार चतुर्वेदी ©Suresh Kumar Chaturvedi

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