आग है ये मेरी जीवन...।
किसी की नज़र ना लगे ,है ये मेरी जीवन...।
लाखो कितना भी चाहे बुझाने को,
है ये मेरी जीवन...।
जीवन में कितने भी नापाक जल आए थमे रहे ये आग, है ये मेरी जीवन...।
चाहे कितना भी नापाक सोच,
मेरे इस आग को बुझाने को कोशिश करे लेकिन मैं और भी सुलग सुलग जाऊं क्योंकि है ये मेरी जीवन...।
आग है ये मेरी जीवन...।
©Yuvraj Singh
आग है ये मेरी जीवन