( नारी कौन हो तुम )
"नारी " सरस्वती का रूप हो तुम,
नारी, लक्ष्मी का स्वरूप हो तुम,
पर बढ़ जाए जब अत्याचारी
तो "नारी" दुर्गा काली का रूप हो तुम।
" नारी " खुशियों का संसार हो तुम,
नारी प्रेम का आधार हो तुम,
जो घर आंगन को रोशन करती है,
वो सूरज की आधार हो तुम ।
"नारी " ममता का सम्मान हो तुम,
नारी संस्कारों की जान हो तुम,
स्नेह ,प्यार ,और त्याग की,
नारी इकलौती पहचान हो तुम,, 🙏❤️
©Sonam Pandey
#ChaltiHawaa