Red sands and spectacular sandstone rock formation | English Shayari V

"Red sands and spectacular sandstone rock formations भाव का जो न बोध हो, फिर प्रेम का क्या शोध हो। रुख बेरुखी जो शुमार हो, फिर क्या निशा कि प्यार हो हो तराशने की चाह जिसमे उसी में उसकी हार हो एक अंजुरी अभिशाप लेकर, सवारने को फिर तैयार हो त्यागना सपने को या स्वयं को, हर घड़ी चुनौती ललकार हो। रुख बेरुखी जो शुमार हो, फिर क्या निशा कि प्यार हो क्यों बीतने पर क्षोभ हो फिर प्रेम का क्या शोध हो। ©आदर्श 'आज' "

Red sands and spectacular sandstone rock formations भाव का जो न बोध हो, फिर प्रेम का क्या शोध हो। रुख बेरुखी जो शुमार हो, फिर क्या निशा कि प्यार हो हो तराशने की चाह जिसमे उसी में उसकी हार हो एक अंजुरी अभिशाप लेकर, सवारने को फिर तैयार हो त्यागना सपने को या स्वयं को, हर घड़ी चुनौती ललकार हो। रुख बेरुखी जो शुमार हो, फिर क्या निशा कि प्यार हो क्यों बीतने पर क्षोभ हो फिर प्रेम का क्या शोध हो। ©आदर्श 'आज'

#Sands

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