बन्द कमरे में खुली आँखों से चाँद  का इन्तेज़ार कर | हिंदी Poetry

"बन्द कमरे में खुली आँखों से चाँद  का इन्तेज़ार करता हूँ सामने एक तस्वीर है जिससे मैं बेहद प्यार करता हूँ मगर, जो आसानी से मिल जाए उस इंतजार की दस्ता बहुत छोटी होतीं हैं , और मुझे लंबी कहानियाँ पसंद है ©Prakash Kumar"

 बन्द कमरे में खुली आँखों से
 चाँद  का इन्तेज़ार करता हूँ 
सामने एक तस्वीर है जिससे मैं बेहद प्यार करता हूँ 
मगर, 
जो आसानी से मिल जाए 
उस इंतजार की दस्ता बहुत छोटी होतीं हैं ,
और मुझे लंबी कहानियाँ पसंद है

©Prakash Kumar

बन्द कमरे में खुली आँखों से चाँद  का इन्तेज़ार करता हूँ सामने एक तस्वीर है जिससे मैं बेहद प्यार करता हूँ मगर, जो आसानी से मिल जाए उस इंतजार की दस्ता बहुत छोटी होतीं हैं , और मुझे लंबी कहानियाँ पसंद है ©Prakash Kumar

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