मुस्कुराते हुए,देखा था जब उसे।
मन को प्यारा लगा, देखा था जब उसे।।
नयन से नयन, जब मिले थे कभी,
नैनों में चमक आई, देखा था जब उसे।।
हाथ से हाथ जब पकड़ लिया था कभी,
इस बात का भी आश्चर्य था तब उसे।।
वो सीढ़ियों का रास्ता भी क्या गजब का था,
छोटे से रास्ते को बड़ा करते उसके साथ से।।
मेरे पास से जाता तो हाथ मिलाता जरूर था,
"मनु" मगर हम गले मिलना चाहते थे उससे।।
©मनोज कुमार झा "मनु"
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