तुम्हें देखने-सुनने का लोभ संवरण करे बिना रहा भी नहीं जाता
और तुम्हें देखे और सुने बिना ये दिन भी गुजरते हुए मेरे साथ रोता है।
शाम को अस्त होते सूरज के धुँधलके से पूछ लो वो भी डूबना नहीं चाहता
और यह नदी जहाँ बैठा हूं ये भी शांत रहकर बखूबी मेरे गम में शरीक है।
शाम को घर जाकर भी मन तुम्हारी यादों के ख्यालो में होने कारण घर नहीं पहुंच पाता रहता घर में मगर मन दौड़ दौड़कर वापस अपनी जद से बाहर आकर तुम्हारे पास वहीं आना और तुम्हारा ही होकर रह जाना चाहता है
क्या लिखू एसा तुम्हारी यादो में रहकर और क्या-क्या कसीदे तुम्हारी यादों के गढ़ कर तुम्हें रिझा कर तुम्हारेऔर अधिक पास आने के लिए क्या-क्या करूँ और अब बस तुम्हीं बता दो की किस तरह पा लूॅ तुम्हें और अधिक दिन तक मैं भी अब तुम्हारे बिना नहीं रह सकता औऱ तुम भी मेरे बिना क्या जतन करू
जो तेरा हाल हैं वो मेरा हाल है इस बेहाल से हाल से ताल मिला.....✍️🌤
©AwadheshPSRathore_7773
#travelogue "जो तेरा हाल है वो मेरा हाल है"
इस हाल से ताल मिला ताल से ताल मिला........
❤️+❤️