याचना धन की और वह पूज्य 'गुरु' से,
गुरु से धन की कामना 'अपराध,गुरुवर
साधना खंडित ना हो,वह शक्ति दे दो
'पूज्य गुरुवर' शिष्य को वह भक्ति दे दो
संभवतः कुछ पा सकूँ,पुरुषार्थ अपना
साधना अपनी सकूँ कुछ 'साध' गुरुवर
ये भी है अनमोल जो अवदान पाया
शब्द रूपी पुण्य का वरदान पाया
ढूँढ लेती है नदी,सागर की राहें
कौन पाया है नदी को 'बाँध' गुरुवर
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तस्य शिष्य
रवि श्रीवास्तव
( ॐ श्री गुरवे नमः )
©Ravi Srivastava
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