अधरों पर मुस्कान रहे सदा
न हो प्रिय अनुज ग़मजदा
अलंकृत हो क्रीडांगन सम अरण्य
हास्य से प्रस्फुटित सदैव प्रसन्नमय
सौदामिनी चपल सा मन पीड़ानाशक
तुम हो घर रमणीय कोलाहल उपासक
संवेदनशील वातावरण के तुम हो शांतिभंग
मस्तीखोर प्राणी करते हो बहुभोजन प्रिय संग
गुड़िया सम भ्राता मम हृदय कुंठित विदारक हो
मोल में से बिस्किट चाकलेट विलुप्त कारक हो
है मैगीप्रिय,नूडल्सप्रिय,पास्ताप्रिय,क्रिकेट लिय
माँ से डाट पिटवाते चंचल चंचट नखरे उद्धरण हिय
खाने,खेलने, टी.वी देखने ओर चंद सा पढ़ने की पबजी मनोकामना...
तू तो मेरी जान है मेरे वासु को जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामना......
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©shree vasu
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