कोई आंखो में दूसरा नहीं है, तुम मेरे खुयाब देख सकत | हिंदी कविता
"कोई आंखो में दूसरा नहीं है,
तुम मेरे खुयाब देख सकते हो..
मेरी हर शायरी में तुम्हारा ही ज़िक्र है,
तुम मेरे दिल की खुली किताब देख सकते हो..
जितना वी किया बस तुम्हीं से किया,
तुम मेरे बेहिसाब इश्क़ का हिसाब देख सकते हो.."
कोई आंखो में दूसरा नहीं है,
तुम मेरे खुयाब देख सकते हो..
मेरी हर शायरी में तुम्हारा ही ज़िक्र है,
तुम मेरे दिल की खुली किताब देख सकते हो..
जितना वी किया बस तुम्हीं से किया,
तुम मेरे बेहिसाब इश्क़ का हिसाब देख सकते हो..