अम्बर में ध्वज लहराने का, है स्वप्न आज साकार हुआ| | हिंदी कविता

"अम्बर में ध्वज लहराने का, है स्वप्न आज साकार हुआ| भारत के आगे नतमस्तक, उस चन्दा का आकार हुआ| उन्नीस में थोड़ा चूके पर, अब तेईस में प्रतिकार हुआ| विक्रम ना आज डिगा पथ से, प्रज्ञान का है दीदार हुआ| जो कई रात के जागे थे, जग में उनका सत्कार हुआ| इसरो दल की उपलब्धि से , है विस्मित यह संसार हुआ| जो दुर्ग जीत ना कोई सका, भारत का वहां प्रसार हुआ| इस विश्व पटल के शीर्ष पर पुनः, इंगित है हिन्द इक बार हुआ|| ©PANDIT DEEPAK MISHRA"

 अम्बर में ध्वज लहराने का, 
है स्वप्न आज साकार हुआ|
भारत के आगे नतमस्तक, 
उस चन्दा का आकार हुआ|
उन्नीस में थोड़ा चूके पर, 
अब तेईस में प्रतिकार हुआ|
विक्रम ना आज डिगा पथ से,
प्रज्ञान का है दीदार हुआ|

जो कई रात के जागे थे,
जग में उनका सत्कार हुआ|
इसरो दल की उपलब्धि से ,
है विस्मित यह संसार हुआ|
जो दुर्ग जीत ना कोई सका,
भारत का वहां प्रसार हुआ|
इस विश्व पटल के शीर्ष पर पुनः,
इंगित है हिन्द इक बार हुआ||

©PANDIT DEEPAK MISHRA

अम्बर में ध्वज लहराने का, है स्वप्न आज साकार हुआ| भारत के आगे नतमस्तक, उस चन्दा का आकार हुआ| उन्नीस में थोड़ा चूके पर, अब तेईस में प्रतिकार हुआ| विक्रम ना आज डिगा पथ से, प्रज्ञान का है दीदार हुआ| जो कई रात के जागे थे, जग में उनका सत्कार हुआ| इसरो दल की उपलब्धि से , है विस्मित यह संसार हुआ| जो दुर्ग जीत ना कोई सका, भारत का वहां प्रसार हुआ| इस विश्व पटल के शीर्ष पर पुनः, इंगित है हिन्द इक बार हुआ|| ©PANDIT DEEPAK MISHRA

#chandrayaan3

People who shared love close

More like this

Trending Topic