अम्बर में ध्वज लहराने का,
है स्वप्न आज साकार हुआ|
भारत के आगे नतमस्तक,
उस चन्दा का आकार हुआ|
उन्नीस में थोड़ा चूके पर,
अब तेईस में प्रतिकार हुआ|
विक्रम ना आज डिगा पथ से,
प्रज्ञान का है दीदार हुआ|
जो कई रात के जागे थे,
जग में उनका सत्कार हुआ|
इसरो दल की उपलब्धि से ,
है विस्मित यह संसार हुआ|
जो दुर्ग जीत ना कोई सका,
भारत का वहां प्रसार हुआ|
इस विश्व पटल के शीर्ष पर पुनः,
इंगित है हिन्द इक बार हुआ||
©PANDIT DEEPAK MISHRA
#chandrayaan3