अब मोबाइल में अब कैद है दुनियाँ! अब बिना मोबाइल | हिंदी Shayari

"अब मोबाइल में अब कैद है दुनियाँ! अब बिना मोबाइल के कहां है दुनियाँ! जहाँ देखोगे वहाँ है मिल जाएगी इक दुनियाँ! हर दिन की हर रात की होती हैं दुनियाँ! सबकी अपनी अपनी होती है एक दुनिया! ©abhishek sharma"

 अब मोबाइल में
अब कैद है दुनियाँ!

अब बिना मोबाइल 
के कहां है दुनियाँ! 

जहाँ देखोगे वहाँ है मिल
 जाएगी इक दुनियाँ! 

हर दिन की हर रात
की होती हैं दुनियाँ! 

सबकी अपनी अपनी
होती है एक दुनिया!

©abhishek sharma

अब मोबाइल में अब कैद है दुनियाँ! अब बिना मोबाइल के कहां है दुनियाँ! जहाँ देखोगे वहाँ है मिल जाएगी इक दुनियाँ! हर दिन की हर रात की होती हैं दुनियाँ! सबकी अपनी अपनी होती है एक दुनिया! ©abhishek sharma

#yaadein

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