ये जहां छोड़ दूं, या आओगी तुम
गले से लगा के, मुझे अपनाओगी तुम
मैनै देखें है अनगिनत खुबसूरत सपने,
उन्हें भूल जाऊं, या अपने आंखों से दिखाओगी तुम
जागता रहता हूं आजकल कुछ सोचते सोचते,
क्या अपने गोद में मेरा सर रख, मुझे चैन से सुलाओगी तुम
तुम्हें चाहने वाले हज़ारों-लाखों हैं, इस जहां में
क्या उन लाखों में इस मामूली चेहरे को पहचान पाओगी तुम
मै बयां कर रहा हूं अपनी मोहब्बत मेरी जां,
कुछ थोड़ा सा भी मेरे बारे में बताओगी तुम
©Ambesh Baba's creation
#nothing #hurt