Unsplash कभी कभी तो वो ऐसी मिसाल देता है कि सुनने | हिंदी शायरी

"Unsplash कभी कभी तो वो ऐसी मिसाल देता है कि सुनने वाले को हैरत में डाल देता है मैं अपने आप में बेहद थका मुसाफ़िर हूँ । ये कौन भीड़ से आगे निकाल देता है मिरी ख़ताओं पे इतना बड़ा करम तेरा । मुझे तू गिरने से पहले संभाल देता है बुला रहा है कई दिन से बादशाह हमें ख़ुदा फ़क़ीरो को क्या क्या कमाल देता है। तिरे फ़रेब की मैं तुझ को दाद देता हूँ तू बात सुनता है और सुन के टाल देता ©joshi joshi diljala"

 Unsplash कभी कभी तो वो ऐसी मिसाल देता है 
कि सुनने वाले को हैरत में डाल देता है 

मैं अपने आप में बेहद थका मुसाफ़िर हूँ ।
ये कौन भीड़ से आगे निकाल देता है 

मिरी ख़ताओं पे इतना बड़ा करम तेरा ।
मुझे तू गिरने से पहले संभाल देता है 

बुला रहा है कई दिन से बादशाह हमें 
ख़ुदा फ़क़ीरो को क्या क्या कमाल देता है।

तिरे फ़रेब की मैं तुझ को दाद देता हूँ 
तू बात सुनता है और सुन के टाल देता

©joshi joshi diljala

Unsplash कभी कभी तो वो ऐसी मिसाल देता है कि सुनने वाले को हैरत में डाल देता है मैं अपने आप में बेहद थका मुसाफ़िर हूँ । ये कौन भीड़ से आगे निकाल देता है मिरी ख़ताओं पे इतना बड़ा करम तेरा । मुझे तू गिरने से पहले संभाल देता है बुला रहा है कई दिन से बादशाह हमें ख़ुदा फ़क़ीरो को क्या क्या कमाल देता है। तिरे फ़रेब की मैं तुझ को दाद देता हूँ तू बात सुनता है और सुन के टाल देता ©joshi joshi diljala

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