कोई भीग रहा है छत की कमी से बारिशों में कोई खुद को
"कोई भीग रहा है छत की कमी से बारिशों में
कोई खुद को छत पर खड़े होकर भिगो रहा है
कोई सुकून महसूस करता है दर्द देकर
तो कोई खुशियां देकर भी बंद कमरे में रो रहा हैै"
कोई भीग रहा है छत की कमी से बारिशों में
कोई खुद को छत पर खड़े होकर भिगो रहा है
कोई सुकून महसूस करता है दर्द देकर
तो कोई खुशियां देकर भी बंद कमरे में रो रहा हैै