### खिड़की का सपना एक छोटे से गाँव में एक लड़का,

"### खिड़की का सपना एक छोटे से गाँव में एक लड़का, अर्जुन, अपने माता-पिता के साथ रहता था। उसका सपना था कि वह एक दिन बड़े शहर में जाकर अपनी पढ़ाई पूरी करे और एक सफल आदमी बने। लेकिन गाँव की गरीबी ने उसके सपनों को मुश्किल बना दिया था। एक दिन, अर्जुन ने देखा कि गाँव के स्कूल में एक नया अध्यापक आया है। वह शहर से था और उसे बच्चों को पढ़ाने का बहुत शौक था। अर्जुन ने उस अध्यापक से बात की और बताया कि वह बड़े शहर में जाना चाहता है। अध्यापक ने उसकी हिम्मत बढ़ाई और कहा, "यदि तुम मेहनत करोगे, तो कोई भी सपना बड़ा नहीं होगा।" अर्जुन ने कड़ी मेहनत करना शुरू किया। वह हर सुबह जल्दी उठता, पढ़ाई करता और गाँव के छोटे-से पुस्तकालय में जाकर किताबें पढ़ता। उसके सपने की तस्वीर खिड़की पर लटकी हुई एक पुरानी तस्वीर की तरह बनती गई। कुछ सालों बाद, अर्जुन ने अपनी मेहनत से स्कूल में टॉप किया और एक छात्रवृत्ति पर शहर के कॉलेज में दाखिला लिया। जब वह शहर पहुंचा, तो उसने वहाँ की चकाचौंध और भीड़ को देखा। लेकिन उसे अपनी मेहनत और अपने सपने की याद आई। वह हर दिन अपनी पढ़ाई में डूबा रहता। सालों बाद, अर्जुन ने शहर में एक सफल इंजीनियर बनकर अपनी पहचान बनाई। उसने गाँव लौटकर अपने माता-पिता को गर्व महसूस कराया और गाँव के बच्चों के लिए एक नया स्कूल खोलने का सपना देखा। खिड़की से बाहर देखते हुए, अर्जुन ने सोचा, "सपने सच होते हैं, अगर हम उन्हें सच करने की मेहनत करें।" ©Pooja"

 ### खिड़की का सपना

एक छोटे से गाँव में एक लड़का, अर्जुन, अपने माता-पिता के साथ रहता था। उसका सपना था कि वह एक दिन बड़े शहर में जाकर अपनी पढ़ाई पूरी करे और एक सफल आदमी बने। लेकिन गाँव की गरीबी ने उसके सपनों को मुश्किल बना दिया था।

एक दिन, अर्जुन ने देखा कि गाँव के स्कूल में एक नया अध्यापक आया है। वह शहर से था और उसे बच्चों को पढ़ाने का बहुत शौक था। अर्जुन ने उस अध्यापक से बात की और बताया कि वह बड़े शहर में जाना चाहता है। अध्यापक ने उसकी हिम्मत बढ़ाई और कहा, "यदि तुम मेहनत करोगे, तो कोई भी सपना बड़ा नहीं होगा।"

अर्जुन ने कड़ी मेहनत करना शुरू किया। वह हर सुबह जल्दी उठता, पढ़ाई करता और गाँव के छोटे-से पुस्तकालय में जाकर किताबें पढ़ता। उसके सपने की तस्वीर खिड़की पर लटकी हुई एक पुरानी तस्वीर की तरह बनती गई।

कुछ सालों बाद, अर्जुन ने अपनी मेहनत से स्कूल में टॉप किया और एक छात्रवृत्ति पर शहर के कॉलेज में दाखिला लिया। जब वह शहर पहुंचा, तो उसने वहाँ की चकाचौंध और भीड़ को देखा। लेकिन उसे अपनी मेहनत और अपने सपने की याद आई।

वह हर दिन अपनी पढ़ाई में डूबा रहता। सालों बाद, अर्जुन ने शहर में एक सफल इंजीनियर बनकर अपनी पहचान बनाई। उसने गाँव लौटकर अपने माता-पिता को गर्व महसूस कराया और गाँव के बच्चों के लिए एक नया स्कूल खोलने का सपना देखा।

खिड़की से बाहर देखते हुए, अर्जुन ने सोचा, "सपने सच होते हैं, अगर हम उन्हें सच करने की मेहनत करें।"

©Pooja

### खिड़की का सपना एक छोटे से गाँव में एक लड़का, अर्जुन, अपने माता-पिता के साथ रहता था। उसका सपना था कि वह एक दिन बड़े शहर में जाकर अपनी पढ़ाई पूरी करे और एक सफल आदमी बने। लेकिन गाँव की गरीबी ने उसके सपनों को मुश्किल बना दिया था। एक दिन, अर्जुन ने देखा कि गाँव के स्कूल में एक नया अध्यापक आया है। वह शहर से था और उसे बच्चों को पढ़ाने का बहुत शौक था। अर्जुन ने उस अध्यापक से बात की और बताया कि वह बड़े शहर में जाना चाहता है। अध्यापक ने उसकी हिम्मत बढ़ाई और कहा, "यदि तुम मेहनत करोगे, तो कोई भी सपना बड़ा नहीं होगा।" अर्जुन ने कड़ी मेहनत करना शुरू किया। वह हर सुबह जल्दी उठता, पढ़ाई करता और गाँव के छोटे-से पुस्तकालय में जाकर किताबें पढ़ता। उसके सपने की तस्वीर खिड़की पर लटकी हुई एक पुरानी तस्वीर की तरह बनती गई। कुछ सालों बाद, अर्जुन ने अपनी मेहनत से स्कूल में टॉप किया और एक छात्रवृत्ति पर शहर के कॉलेज में दाखिला लिया। जब वह शहर पहुंचा, तो उसने वहाँ की चकाचौंध और भीड़ को देखा। लेकिन उसे अपनी मेहनत और अपने सपने की याद आई। वह हर दिन अपनी पढ़ाई में डूबा रहता। सालों बाद, अर्जुन ने शहर में एक सफल इंजीनियर बनकर अपनी पहचान बनाई। उसने गाँव लौटकर अपने माता-पिता को गर्व महसूस कराया और गाँव के बच्चों के लिए एक नया स्कूल खोलने का सपना देखा। खिड़की से बाहर देखते हुए, अर्जुन ने सोचा, "सपने सच होते हैं, अगर हम उन्हें सच करने की मेहनत करें।" ©Pooja

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