हंसती आँखों में झांक कर देखना आंसुओं का सैलाब भी ह | हिंदी कविता

"हंसती आँखों में झांक कर देखना आंसुओं का सैलाब भी होगा कभी मन हो तो दिल में झांक कर देखना दर्द-ओ-गम से दरीया भी होगा यूँ ही सजाये फिरती हूँ मुस्कान चेहरे पर कहीं दिखे आंसू तो जमाना सवाल पुछेगा रोज की तडप से दिल लहुलुहान जो होगा आँखों में समंदर तो होठों पर कोई शिकवा भी होगा ....राजी"

 हंसती आँखों में झांक कर देखना
आंसुओं का सैलाब भी होगा 

कभी मन हो तो दिल में झांक कर देखना
दर्द-ओ-गम से दरीया भी होगा

यूँ ही सजाये फिरती हूँ मुस्कान चेहरे पर
कहीं दिखे आंसू तो जमाना सवाल पुछेगा

 रोज की तडप से दिल लहुलुहान जो होगा
आँखों में समंदर तो होठों पर कोई शिकवा भी होगा ....राजी

हंसती आँखों में झांक कर देखना आंसुओं का सैलाब भी होगा कभी मन हो तो दिल में झांक कर देखना दर्द-ओ-गम से दरीया भी होगा यूँ ही सजाये फिरती हूँ मुस्कान चेहरे पर कहीं दिखे आंसू तो जमाना सवाल पुछेगा रोज की तडप से दिल लहुलुहान जो होगा आँखों में समंदर तो होठों पर कोई शिकवा भी होगा ....राजी

#Hansti_aankhon_mei_aansu

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