White प्रेम की हिम से आच्छादित कर तपते मन को शीतलत | हिंदी शायरी Video

"White प्रेम की हिम से आच्छादित कर तपते मन को शीतलता दी, नितांत अकेला ह्रदय ये मेरा, निस्वार्थ तुमने मित्रता दी। बादल जैसे भटकते मन को, अपने भावों की स्थिरता दी, विक्षिप्त हृदय को सहारा देकर, जीवन में नव चेतना दी। ©Shraddha "

White प्रेम की हिम से आच्छादित कर तपते मन को शीतलता दी, नितांत अकेला ह्रदय ये मेरा, निस्वार्थ तुमने मित्रता दी। बादल जैसे भटकते मन को, अपने भावों की स्थिरता दी, विक्षिप्त हृदय को सहारा देकर, जीवन में नव चेतना दी। ©Shraddha

#मित्रता

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